🔴 प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ रची जा रही हैं बढ़ी साजिश
🔴 2024 में मोदी को हराने के लिए विपक्ष ने कर ली हैं बड़ी तैयारी
🔴 2024 में अगर मोदी नहीं बने प्रधानमंत्री तो पूरा देश हो जाएगा बर्बाद
जी हां 2024 मे मोदी को हराने के लिए कॉंग्रेस समेत कहीं विपक्षी पार्टियों ने मोदी को हराने की तैयारी शुरू कर दी हैं और उन्होंने ऐसा तगड़ा प्लान बना लिया हैं जिससे पीएम मोदी को बड़ा झटका लग सकता हैं आपको बता दे कि 2024 के लोक सभा चुनावों की पर सभी की नजरें गड़ी हुई है क्योंकि इस बार अगर भाजपा ने दोबारा से मोर्चा संभाल लिया तो आने वाले कई सालों तक शायद भारत के इतिहास में कोई भी विपक्षी नेता प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं दिख पाएगा। हाल ही में राष्ट्रपति के कैंडिडेट को चुनने के लिए जो भाग दौड़ मशीद उसके दौरान विपक्ष में एक तगड़ा प्लान मोदी के लिए तैयार किया है। यह प्लान 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने का है।

आपको बताते विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के कैंडिडेट कुछ सेलेक्ट करने के लिए दिल्ली में 17 दलों की मीटिंग बिठाई थी। विपक्ष कुछ तगड़ा प्लान कर रहा था। वह किसी ऐसे चेहरे को सामने लाने की फिराक में था जो राष्ट्रपति चुनाव में मोदी सरकार द्वारा दिए गए कैंडिडेट को तगड़ी टक्कर दे सके। लेकिन यह प्लान सफल होते नहीं लिखा क्योंकि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल ही नहीं हुई। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी, बहुजन और तृणमूल कांग्रेस के चार ऐसे विपक्षी दल है जो अगर एकजुट हो जाए तो मोदी सरकार को आने वाले 2024 लोक सभा इलेक्शन में टक्कर दे सकते हैं लेकिन यह दिक्कत की बात यह है कि इन चारों दलों में एकजुटता नहीं दिख रही। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी मैं तो विपक्षी दलों की किसी भी बैठक में सम्मेलन नहीं किया। हालाकि इस बीच यह सोचने वाली बात है कि अगर यह सभी विपक्षी दल साथ आ जाते हैं तो 2024 में भाजपा सरकार का क्या भविष्य होगा?

आपको बता दें रेस में कांग्रेस सबसे आगे है कॉन्ग्रेस पांचों दलों को साथ में लाना चाहती है ताकि मोदी को हराने के लिए वो चार गुना ज्यादा दम से हमला करे। इसी कड़ी में कॉन्ग्रेस अभी से ही तैयारियां कर रही थी कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी ओर से कोई ऐसा कैंडिडेट चुने जो मोदी सरकार को टक्कर दे पाए लेकिन एकजुटता की कमी के कारण किसी सफल कैंडिडेट का नाम सामने आता नहीं लिख पा रहा है।
लेकिन वही मोदी सरकार ने ओडिशा की आदिवासी द्रौपदी मुरमू को राष्ट्रपति के पद के लिए सामने रखकर रामबाण छोड़ दिया है। द्रोपति मुर्मू को काफी समर्थन मिल रहा है। समीकरण देखा जाए तो ऐसा हो सकता है कि नीतीश कुमार भी मोदी सरकार के चुने गए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू का ही समर्थन करें। नीतीश कुमार ये जानते हैं कि अगर वो बीजेपी से अलग होकर फैसला लेंगे और उनका कैंडिडेट हार गया तो उनकी भारी किरकिरी होगी. अगर नीतीश कुमार द्रौपदी मुर्मू के साथ हो जाते हैं तो विपक्षी दल का प्लान आधा तो फ्लॉप हो ही जाएगा।

कांग्रेस की एकजुट दल का फार्मूला खुद कांग्रेसी नेता प्रशांत किशोर ने भी बताया था। प्रशांत किशोर ने कहा था कि “कोई भी पार्टी भाजपा को अकेले चैलेंज नहीं कर सकती है, जब तक वह उस जगह को नहीं हासिल कर लेती है, जो आज कांग्रेस की है। अगर आपके पास सही मुद्दे हैं और उनके इर्द-गिर्द आप विचार और नजरिया खड़ा कर सकते हैं तो लीडरशिप करनेवाला वो चेहरा भी नजर आ जाएगा। 2 साल का वक्त कम नहीं होता है। 7 से 10 साल की योजना आपके पास होनी चाहिए। साथ रहना होगा, लड़ना होगा और उन चार चीजो पर लगातार काम करना होगा।”
कांग्रेसी नेता के इस बयान से साफ दिख जाता है कि अब विपक्षी दल सभी साथ में आने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन इसके बाद भी कई ऐसे विपक्षी दल हैं और नेता है जो भाजपा के खिलाफ जाकर राजनीतिक गलियारों में अपना मजाक नहीं बनवाना चाहते। विपक्षी दल का मोदी को हराने का यह सीक्रेट प्लान कैसे चलता है यह तो 2024 के लोक सभा इलेक्शंस में देखना ही पड़ेगा।